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Toggleओपीएस, एनपीएस या यूपीएस? भारत की शीर्ष पेंशन योजनाओं की तुलना

भारत में रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा के लिए पेंशन योजनाएं बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। वर्तमान में तीन प्रमुख पेंशन योजनाएं चर्चा में हैं – ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS), नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS), और प्रस्तावित यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS)। इन तीनों योजनाओं की विशेषताओं, लाभों और सीमाओं की तुलना करना जरूरी है ताकि हम समझ सकें कि कौन-सी योजना सबसे बेहतर है और किसे क्यों चुना जाना चाहिए।
ओपीएस (पुरानी पेंशन योजना) क्या है?
ओपीएस (पुरानी पेंशन योजना) क्या है?
ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) एक परिभाषित लाभ पेंशन प्रणाली है, जो उन केंद्र और राज्य सरकारी कर्मचारियों के लिए थी, जिन्होंने 1 जनवरी 2004 से पहले नौकरी जॉइन की थी। OPS में, पेंशन राशि आखिरी वेतन के 50% के रूप में तय होती है, साथ ही महंगाई भत्ता (DA) समय-समय पर बढ़ता रहता है। इससे रिटायरमेंट के बाद स्थिर और पूर्वानुमानित आय सुनिश्चित होती है।
1 जनवरी 2004 को, भारत में नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) शुरू किया गया, जिससे सभी नए केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों (सशस्त्र बलों को छोड़कर) के लिए OPS समाप्त कर दिया गया। शुरुआत में NPS केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए था, लेकिन 1 मई 2009 को इसे सभी भारतीय नागरिकों के लिए खोल दिया गया, जिसमें निजी क्षेत्र के लोग भी शामिल हैं। यह बदलाव गारंटीड लाभ मॉडल (OPS) से बाजार आधारित योगदान मॉडल (NPS) की ओर पहला कदम था।
उदाहरण
अगर किसी कर्मचारी का अंतिम वेतन ₹60,000 है, तो OPS के तहत पेंशन ₹30,000 प्रति माह होगी (₹60,000 का 50%) और यह राशि DA बढ़ने पर बढ़ती रहेगी।
एनपीएस (नेशनल पेंशन सिस्टम) क्या है?
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एक योगदान आधारित पेंशन योजना है, जो 1 जनवरी 2004 के बाद जॉइन करने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है। इसमें कर्मचारी और सरकार दोनों पेंशन फंड में योगदान करते हैं, जिसे शेयर बाजार और बॉन्ड्स में निवेश किया जाता है। अंतिम पेंशन राशि पूरी तरह से निवेश के प्रदर्शन पर निर्भर करती है, जिससे यह बाजार आधारित और अनिश्चित हो जाती है।
यूपीएस (यूनिफाइड पेंशन स्कीम) क्या है?
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) एक प्रस्तावित योजना है, जिसका उद्देश्य सभी नागरिकों — नौकरीपेशा, स्वरोजगार या बेरोजगार — को एक न्यूनतम गारंटीड पेंशन देना है। इसका लक्ष्य सभी भारतीयों, खासकर असंगठित क्षेत्र के लोगों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। हालांकि, इसे लागू करने के लिए वित्तीय और प्रशासनिक चुनौतियां बड़ी बाधा हैं।
क्यों ओपीएस सबसे अच्छा है
गारंटीड पेंशन और आर्थिक सुरक्षा
ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) की सबसे बड़ी विशेषता इसकी गारंटीड पेंशन है। यह पेंशन कर्मचारी की अंतिम सैलरी के 50% के बराबर होती है, जो सेवानिवृत्ति के बाद जीवनभर मिलती रहती है। यह तयशुदा राशि सरकार द्वारा सुनिश्चित की जाती है, भले ही आर्थिक स्थितियां कैसी भी हों।
इस पेंशन पर बाजार के उतार-चढ़ाव या निवेश जोखिमों का कोई असर नहीं पड़ता। इसका मतलब यह है कि कर्मचारी और उनके परिवार को जीवनभर एक स्थिर और भरोसेमंद आय मिलती है, जिससे आर्थिक सुरक्षा बनी रहती है। OPS रिटायरमेंट के बाद का जीवन शांतिपूर्ण और आत्मनिर्भर बनाता है।कोई कर्मचारी योगदान नहीं
OPS का एक और महत्वपूर्ण लाभ यह है कि कर्मचारी को अपने वेतन से कोई राशि नहीं देनी पड़ती। पूरी पेंशन सरकार द्वारा वित्त पोषित होती है, जिससे कर्मचारी की पूरी सैलरी हाथ में आती है।
वहीं NPS में कर्मचारी को अपनी सैलरी का एक हिस्सा हर महीने पेंशन फंड में जमा करना अनिवार्य है, जिससे मासिक वेतन पर सीधा असर पड़ता है।महंगाई भत्ते (DA) के साथ पेंशन वृद्धि
OPS में रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन महंगाई भत्ते (Dearness Allowance – DA) से जुड़ी होती है। जैसे ही सरकार वेतनभोगियों के लिए DA बढ़ाती है, उसी अनुपात में पेंशन भी बढ़ती है।
यह मुद्रास्फीति (Inflation) के असर को कम करता है और पेंशनभोगियों की क्रय शक्ति (Purchasing Power) बनी रहती है।
NPS में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, क्योंकि NPS की पेंशन पूरी तरह से बाजार और निवेश प्रदर्शन पर निर्भर करती है।मानसिक शांति और भरोसा
OPS कर्मचारियों को पूरी मानसिक शांति देता है, क्योंकि उनकी पेंशन की पूरी जिम्मेदारी सरकार की होती है।
सरकार की गारंटी का मतलब है कि किसी भी स्थिति में पेंशन नहीं रुकेगी और समय पर बढ़ेगी भी।
इस भरोसे के कारण कर्मचारी अपने कामकाजी जीवन में बिना आर्थिक तनाव के काम करते हैं और रिटायरमेंट के बाद सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन जी सकते हैं।
NPS में यह भरोसा नहीं है, क्योंकि बाजार में गिरावट होने पर पेंशन राशि घट भी सकती है।
निष्कर्ष
भारत में पेंशन योजनाओं की तुलना करें तो साफ है कि OPS आज भी सबसे सुरक्षित और भरोसेमंद योजना है। NPS भले ही बाजार आधारित और आधुनिक है, लेकिन इसमें गारंटीड पेंशन और महंगाई सुरक्षा का अभाव है। UPS अभी दूर की कौड़ी है, क्योंकि इसके क्रियान्वयन में कई अड़चनें हैं।
सरकारी कर्मचारियों की आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता के लिए OPS को पुनः लागू करने की मांग लगातार बढ़ रही है। यह योजना कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद न सिर्फ एक स्थिर आय देती है, बल्कि उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन जीने का भरोसा भी दिलाती है।